Friday, July 4, 2008



ये वो लम्हें हैं जिन्हें हर कोई जीना चाहता है। ये प्रतीक है अपनी उस विरासत का जिसके जरिये हिन्दुस्तान में पश्चिमी देशों का प्रवेश द्वार खुला।

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