माँ के साथ बिताये पलों की तो कोई अनुभूति शायद ही कोई भूल पाये। मैं भी वो भाग्यशाली रहीं हूँ जो माँ के साथ कहीं घूमने भी गयी हूँ। बेहद यादगार वो पल रहे हैं। उन्हीं पलों की कुछ झलकें अपने पास संजोये रखी हूँ।
एक आम इन्सान हूँ जो बिल्कुल ही आपके बीच रहती है। हर बार आपकी ही बातों को अपने इस माध्यम से बताने की कोशिश करती हूँ। शायद कभी मैं इस प्रयास में सफल हो जाउँ कि आपके बीच भी कुछ करने की भावना जग उठे, तभी मेरी पत्रकारिता का सदुपयोग हो सकेगा।