Monday, August 11, 2008

खरीदारी और खरीददारी..


जब कभी मौका मिले यही होता है खरीददारी और खरीददारी मैं तो यही करती हूँ।शायद आप भी यही करते होंगे चलिए जो भी हो मन तो बहल जाता है।

5 comments:

Unknown said...

So good......

Unknown said...

apne lamhon ko yaad rakhna achha hai. achha laga k maa ko saath rakha. mera blog tumhariyaadme.blogspot.com ho sake to dekhna.apko achha lagega. chetan

Abuzar usmani said...

bahut si cheezen hamari zindagi men zarurat banke dakhil hoti hain phir adat aur phir dilchaspi ban jati hain, shayad ye shoping bhi khuch aisi hi cheez hai

हरीश सिंह said...

पूज्य माँ समान आशा जी, आपके बारे में हमें "भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" पर शिखा कौशिक व शालिनी कौशिक जी द्वारा लिखे गए पोस्ट के माध्यम से जानकारी मिली, जिसका लिंक है...... http://www.upkhabar.in/2011/03/jay-ho-part-3.html

इस ब्लॉग की परिकल्पना हमने एक भारतीय ब्लॉग परिवार के रूप में की है. हम चाहते है की इस परिवार से प्रत्येक वह भारतीय जुड़े जिसे अपने देश के प्रति प्रेम, समाज को एक नजरिये से देखने की चाहत, हिन्दू-मुस्लिम न होकर पहले वह भारतीय हो, जिसे खुद को हिन्दुस्तानी कहने पर गर्व हो, जो इंसानियत धर्म को मानता हो. और जो अन्याय, जुल्म की खिलाफत करना जनता हो, जो विवादित बातों से परे हो, जो दूसरी की भावनाओ का सम्मान करना जनता हो.

और इस परिवार में दोस्त, भाई,बहन, माँ, बेटी जैसे मर्यादित रिश्तो का मान रख सके.

धार्मिक विवादों से परे एक ऐसा परिवार जिसमे आत्मिक लगाव हो..........

मैं इस बृहद परिवार का एक छोटा सा सदस्य आपको निमंत्रण देने आया हूँ. यदि इस परिवार को अपना आशीर्वाद देना चाहती हैं तो follower व लेखक बन कर हमारा मान बढ़ाएं...


आपकी प्रतीक्षा में...........

हरीश सिंह

संस्थापक/संयोजक "भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" www.upkhabar.in/

हरीश सिंह said...

संस्थापक/संयोजक "भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" www.upkhabar.in/

प्रिय सविता जी, सबसे पहले तो हमें क्षमा कर दिजिय, मै कान पकड़कर सौ बार सारी बोलता हु....... आप और आशा जी का ब्लॉग मैंने एक साथ ओपन किया था. जो कमेन्ट आशा जी पर करना था वह आप पर कर दिया. " पूज्य माँ समान आशा जी," को प्रिय सविता जी पढ़ लीजियेगा... सॉरी , सॉरी ,सॉरी,सॉरी,सॉरी,सॉरी,सॉरी,सॉरी,सॉरी,सॉरी,सॉरी,सॉरी